Wednesday 21 September 2011
कई बार जीत से ज्यादा हार में विजय होती है
Monday 12 September 2011
नजरिया 2
दुनिया में दो तरह के लोग हैं - लेने वाले और देने वाले । लेने वाले खूब खाते हैं और देने वाले चैन की नींद सोते हैं , देने वालों में ऊँचे स्वाभिमान का भाव होता है । उनका नज़रिया अच्छा होता है , और वे समाज की सेवा करते हैं । समाज की सेवा करने वालों से मेरा मतलब उन तत्पुन्जियें नेताओं से नहीं है जो समाज सेवा की आड़ में अपना मतलब साधते हैं ।
इंसान होने के नाते हमें लेने और देने की जरुरत होती है । फिर भी ऊँचे स्वाभिमान से भरे अच्छे इंसान को सिर्फ लेने की ही नहीं , बल्कि देने की भी जरुरत होती है ।
" एक आदमी अपनी नयी कार की सफाई कर रहा था । जब उसके पडोसी ने पुछा कि , "यह कार तुम कब लाये ? " उसने जबाब दिया , " यह कार मेरे भाई ने मुझे दी है । " इस पर पडोसी ने कहा , " काश , मेरे पास भी ऐसी कार होती । " फिर उस कार वाले ने कहा , " तुम्हे यह खुवाहिस करनी चहिये कि काश मेरे पास भी ऐसा भाई होता । " पडोसी कि पत्नी उन दोनों कि बातचीत सुन रही थी , बीच में ही उसने कहा कि " काश , मैं ऐसा भाई होती । " कितने कमाल कि बात है । " नजरिया
Sunday 11 September 2011
नज़रिया
एक आदमी मेले में गुब्बारे बेचकर अपनी गुजर- बसर करता था । उसके पास लाल , पीले , नीले , हरे - चारों रंग के गुब्बारे थे । जब कभी उसकी बिक्री कम होने लगती , तब वह हीलियम गैस से भरा एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता । बच्चे उसे उड़ता देखकर , वैसा ही उड़ने वाला गुब्बारा पाने के लिए मचल उठते । बच्चे उससे गुब्बारा खरीदते और इस तरह उसकी बिक्री फिर से बढ़ जाती । दिन भर यही सिलसिला चलता रहता । एक दिन वह आदमी बाज़ार में खड़ा गुब्बारे बेच रहा था । अचानक उसे महसूस हुआ कि पीछे से उसका कोई कुरता पकड़कर खीच रहा है । उसने पीछे मुड़कर देखा तो एक छोटे से बच्चे को खड़ा पाया । उस बच्चे ने गुब्बारे वाले से पूछा, "अगर आप काला गुब्बारा छोड़ेंगे तो क्या वह भी उड़ेगा ? " बच्चे की बात उसके दिल में लगी और उसने प्यार से जबाब दिया , " बेटे , गुब्बारा अपने रंग की वजह से नहीं उड़ता , बल्कि उसके अन्दर क्या है , इस वजह से ही वह ऊपर जाता है । "
ठीक यही बात हमारी जिंदगी पर भी लागू होती है । कीमती वह चीज है , जो हमारे अन्दर है । और वह चीज जो हमें ऊपर की ओर ले जाती है , वह हमारा नज़रिया है ।
Sunday 4 September 2011
छोटी -छोटी बातें बड़ा फ़र्क डालती हैं
हम कौन सा फ़र्क डाल रहे है ? बड़ा या छोटा , इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता । अगर सब लोग थोडा - थोडा फ़र्क लायें तो बहुत बड़ा फ़र्क पड़ेगा ।