Monday 12 September 2011

नजरिया 2

दुनिया में दो तरह के लोग हैं - लेने वाले और देने वाले । लेने वाले खूब खाते हैं और देने वाले चैन की नींद सोते हैं , देने वालों में ऊँचे स्वाभिमान का भाव होता है । उनका नज़रिया अच्छा होता है , और वे समाज की सेवा करते हैं । समाज की सेवा करने वालों से मेरा मतलब उन तत्पुन्जियें नेताओं से नहीं है जो समाज सेवा की आड़ में अपना मतलब साधते हैं ।



इंसान होने के नाते हमें लेने और देने की जरुरत होती है । फिर भी ऊँचे स्वाभिमान से भरे अच्छे इंसान को सिर्फ लेने की ही नहीं , बल्कि देने की भी जरुरत होती है ।



" एक आदमी अपनी नयी कार की सफाई कर रहा था । जब उसके पडोसी ने पुछा कि , "यह कार तुम कब लाये ? " उसने जबाब दिया , " यह कार मेरे भाई ने मुझे दी है । " इस पर पडोसी ने कहा , " काश , मेरे पास भी ऐसी कार होती । " फिर उस कार वाले ने कहा , " तुम्हे यह खुवाहिस करनी चहिये कि काश मेरे पास भी ऐसा भाई होता । " पडोसी कि पत्नी उन दोनों कि बातचीत सुन रही थी , बीच में ही उसने कहा कि " काश , मैं ऐसा भाई होती । " कितने कमाल कि बात है । " नजरिया





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