Sunday 4 September 2011

छोटी -छोटी बातें बड़ा फ़र्क डालती हैं

" एक आदमी सुबह को समुद्र के किनारे टहल रहा था । उसने देखा कि लहरों के साथ सेकड़ों मछलियाँ तात पर आ जाती हैं और जब लहरें पीछे जाती हैं तो मछलियाँ किनारें पर ही रह जाती हैं और धुप से मर जाती हैं । लहरें ताज़ी थी और मछलियाँ जीवित थी । वह आदमी कुछ कदम आगे बड़ा , उसने एक मछली उठाई और पानी में फ़ेंक दी । ऐसा वह बार - बार करता रहा । उस आदमी के ठीक पीछे एक और आदमी था जो यह नहीं समझ पा रहा था कि वह क्या कर रहा है । वह उसके पास आया और पुछा , " तुम क्या कर रहे हो ? यहाँ तो सेकड़ों मछलियाँ हैं । तुम कितनों को बचा सकोगे ? और इससे क्या फ़र्क पड़ेगा ? " उस आदमी ने कोई जवाब नहीं दिया , दो कदम आगे बढकर एक और मछली को उठाकर पानी में फ़ेंक दिया और बोला , " इससे इस एक मछली को फ़र्क पड़ता है । "
हम कौन सा फ़र्क डाल रहे है ? बड़ा या छोटा , इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता । अगर सब लोग थोडा - थोडा फ़र्क लायें तो बहुत बड़ा फ़र्क पड़ेगा ।

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